तारापुर में तिरंगा यात्रा : भारतीय सेना के सम्मान में उमड़ा जनसैलाब, जयराम विप्लव बोले – अब भारत आतंक के खिलाफ घर में घुसकर मारेगा
मुंगेर (बिहार), तारापुर। भारतीय सेना की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता के सम्मान में मुंगेर जिले के तारापुर में शुक्रवार को भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा, जहां युवाओं, स्थानीय नागरिकों और पूर्व सैनिकों ने जोश और गर्व के साथ भाग लिया। यात्रा का नेतृत्व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सह प्रदेश प्रवक्ता जयराम विप्लव ने किया।

यात्रा की शुरुआत बाजार भ्रमण से हुई और यह शहीद स्मारक तक पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए संपन्न हुई। तिरंगे की गरिमा, देशभक्ति के नारों और उत्साह से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
मीडिया से बातचीत में जयराम विप्लव ने कहा,
“ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों के सीने पर दागी गई सर्जिकल मिसाइल है। यह भारत की सैन्य पराक्रम का जीवंत प्रमाण है। भारतीय वायुसेना ने महज 90 मिनट में पाकिस्तान की धरती पर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर 100 से अधिक आतंकियों का सफाया कर दिया और 11 संवेदनशील एयरबेस को खाक कर दिया।”
उन्होंने कहा कि यह संदेश अब पूरी दुनिया को साफ हो चुका है कि
“भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल, स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म और छद्म युद्ध को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को तीन स्पष्ट संदेश दिए हैं — पहला, आतंक का जवाब तुरंत और मुंहतोड़ मिलेगा; दूसरा, अब भारत परमाणु धमकी से डरने वाला नहीं; तीसरा, आतंकियों और उन्हें पालने वालों को एक ही भाषा में जवाब दिया जाएगा।”
जयराम विप्लव ने गर्जना करते हुए कहा,
“यदि कोई भारत की शांति भंग करेगा, तो भारत अब घर में घुसकर मारेगा।”
इस अवसर पर पूर्व सैनिक रौशन राठौर, रामावतार राजहंस, अश्विनी कुमार, रणजीत चौधरी, प्रवेश कुमार सिंह, वर्तमान सेवा में कार्यरत अमरकांत शर्मा और राहुल को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस ऐतिहासिक यात्रा में समाज के हर वर्ग की भागीदारी दिखी। विष्णु जी, मनमोहन चौधरी, विनीत सिंह, मंगल सिंह, साहिल सीटू, रामखेलावन शर्मा, धर्मवीर यादव, डॉ बलदेव, शंभू चौधरी, मो मुजाहिद, अफजल हुदा,मुकेश, प्रियंक, सोनू, सज्जन, शुभम, सिद्धांत, सुजीत प्रजापति, बच्चन कुमार, आनंदी पंडित, चंदा, चंद्रशेखर, बिट्टू शंभू केसरी, भूपेश, प्रवीण सहित सैकड़ों लोग इस देशभक्ति यात्रा में शामिल हुए।
यह तिरंगा यात्रा सिर्फ राष्ट्रगौरव का उत्सव नहीं, बल्कि भारत की बदलती रणनीति और निर्णायक नेतृत्व का उद्घोष बन गई — जिसमें आतंक के विरुद्ध अब चुप्पी नहीं, केवल कार्रवाई होगी।