खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत परबत्ता अंचल कार्यालय के सीडीपीओ कार्यालय के सामने आंगनवाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने एकजुट होकर अपनी बीस सुत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन के माध्यम से बिहार सरकार से अपनी मांगों को पुरी करने का मांग किया। जिसके दौरान जमकर नारेबाजी कर अपनी मांगों को रखती रहीं। जिसमें मुख्य रुप से आंगनबाड़ी केन्द्र पर कार्यरत सेविका सहायिका की मानदेय में बढ़ोतरी थी।

वहीं मौजूद सौढ़ दक्षिणी पंचायत अंतर्गत भरतखंड गांव की सेविका सुलेखा देवी ने बताई कि आज की यह धरना प्रदर्शन समस्त सेविकाओं की सरकारी करण किया जाय। अगर सरकारीकरण नहीं किया जाय तो समस्त सेविका की 21 हजार और सहायिकाओं की 18 हजार मासिक वेतन किया जाय। साथ ही साथ पोषण टेकर पर अंग्रेजी भाषा से हिंदी किया जाय, क्योंकि हमलोग कम पढ़े लिखे लोग हैं तो भला अंग्रेजी में कैसे संभव होगी। अंग्रेजी भाषा में पोषण टेकर कार्य बहुत पद्धति से संभव हो पाती है। अंततः जब तक हमारी मांग को बिहार सरकार पुरी नहीं करती है तब तक हमारी संघर्ष और आंदोलन जारी रहेगी।

वहीं मौजूद सभी परबत्ता बाजार के केन्द्र संख्या 42 की सेविका गीता कुमारी ने बताई कि बिहार सरकार द्वारा मासिक वेतन बहुत कम है। लेकिन कार्य की अंबारे लगी हुई रहती है। जिसके कारण पुरा दिन बैचैनी की स्थिति बनी रहती है। कभी कभी तो ऐसी स्थिति रहती है कि रात का खाना भी ठीक से नहीं हजम हो पाती है। इसलिए हम सभी सेविका सहायिका ने मिल बिहार सरकार से शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से अपनी मांगों को रख रहें हैं। अन्यथा आज प्रखंड स्तर पर हुई आने वाले समय में जिला स्तर और राज्य स्तर तक उग्र आंदोलन के लिए हम सब तैयार हैं।

वहीं सौढ़ दक्षिणी पंचायत अंतर्गत भरतखंड गांव की केंद्र संख्या 57 की सेविका नीतू कुमारी ने बताई कि हम लोगों की बिहार सरकार से 20 सुत्री मांग है जिसमें मुख्य रुप से मानदेय में बढ़ोतरी और 2003 से हीं लेकर आजतक सिर्फ पांच हजार रुपए हीं मात्र मानदेय मिल रही है। लेकिन दिन ब दिन काम की जिम्मेदारियां बढ़ती हीं जा रही है। इसलिए हम लोगों का कहना है कि काम और मेहनत के अनुसार मानदेय देने की बिहार सरकार दें।

वहीं सौढ़ दक्षिणी पंचायत अंतर्गत भरतखंड गांव की हीं केन्द्र संख्या 180 की सेविका बंटी कुमारी ने भी बताई कि आज हम सभी सेविकाओं द्वारा धरना प्रदर्षण कर नारेबाजी का मुख्य कारण है कि आंगनबाड़ी सेविका को सरकारीकरण किया जाए, अन्यथा सेविका की 21 हजार रुपए मानदेय और सहायिका की 18 हजार रुपए मानदेय देने की प्रक्रिया शुरू किया जाय। शेष अन्य बीस सुत्री मांगों पर भी पुरी तरह से बिहार सरकार अपनी ध्यान आकृष्ट कर समस्त सेविका सहायिका की मांग पुरी करें। अंततः वहीं मौजूद प्रखंड के समस्त सेविका सहायिका की उपस्थिति दिखी।