Chitra Tripathi – जानी-मानी टीवी पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) ने ‘आजतक‘ से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) जॉइन कर लिया है। उन्होंने यहां पर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रोग्रामिंग) जॉइन किया है। वह यहां रात नौ बजे का प्राइम टाइम शो होस्ट करेंगी।
‘एबीपी न्यूज’ में चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) की वापसी चैनल के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि चैनल अपनी प्राइम टाइम प्रोग्रामिंग को मजबूत करने का लक्ष्य बना रहा है। विभिन्न प्रमुख न्यूज आउटलेट्स में काम करने के कारण चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) की गहरी विशेषज्ञता और ऑन-स्क्रीन उपस्थिति उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक न्यूज परिदृश्य में नेटवर्क की लीडरशिप टीम के लिए उपयुक्त बनाती है।
अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि चित्रा के जुड़ने और नए एडिटर रजनीश आहूजा द्वारा किए जा रहे संपादकीय पुनर्गठन के बाद ‘एबीपी न्यूज’ की व्युअरशिप और रेटिंग में कितना सुधार होता है।
आपको बता दें कि चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) की ‘आजतक’ में यह दूसरी पारी थी। पहली पारी करीब पौने चार साल तक निभाने के बाद चित्रा ने 2022 में ‘आजतक’ से इस्तीफा देकर ‘एबीपी न्यूज’ जॉइन कर लिया था। लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने दोबारा से ‘आजतक’ में बतौर सीनियर एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) जॉइन कर लिया था, तब से वह इसी पद पर कार्यरत थीं। अपनी पहली पारी में वह ‘आजतक’ में एडिटर व सीनियर एंकर अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) का पत्रकारिता सफर बहुत ही प्रतिष्ठित और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपनी बेहतरीन पॉलिटिकल एंकरिंग और चुनाव के दौरान फील्ड रिपोर्टिंग के लिए एक अलग पहचान बनाई है। चित्रा ‘आजतक’ पर शाम पांच बजे का डिबेट शो ‘दंगल’ कर रही थीं। इसके अलावा चित्रा शाम सात बजे न्यूज बुलेटिन ‘शंखनाद’ में नजर आती थीं। चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) को कश्मीर में आई बाढ़ पर रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वह समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 के पहले एडिशन के विजेताओं की लिस्ट में भी शामिल रह चुकी हैं।
‘आजतक’ से पहले भी चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) ‘एबीपी न्यूज’ से जुड़ी हुई थीं। वह ‘एबीपी न्यूज’ में ‘2019 कौन जीतेगा’ शो करती थीं, साथ ही उनके पास ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस’ जैसा बड़ा वीकली प्रोग्राम भी था। ‘एबीपी’ में उन्हें सियाचिन में की गई रिपोर्टिंग के लिए बेस्ट रिपोर्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है, जबकि #कौनबनेगामुख्यमंत्री, #मोदीकेचारसाल और #बिहारकानेता कैसा हो, जैसे फ्लैगशिप शो जो लोगों के बीच जाकर किए गए, के जरिये उन्हें बड़ी पहचान मिली और एबीपी प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया।
चित्रा त्रिपाठी ( Chitra Tripathi ) इंडस्ट्री में अपनी पॉलिटिकल एंकरिंग/रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती हैं। चुनाव के दौरान उनका फील्ड में उतरना उनकी यूएसपी (USP) मानी जाती है। कई-कई घंटों तक नॉनस्टॉप काम करके चित्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई है।
‘एबीपी न्यूज’ के पहले चित्रा ‘इंडिया न्यूज’ चैनल में एसोसिएट एडिटर/प्राइम टाइम न्यूज एंकर थीं। चित्रा ने खास उपलब्धि हासिल करने वाली भारतीय युवा महिलाओं पर आधारित शो ‘बेटियां’ का भी सफलतापूर्वक संचालन किया था। उनका ये शो चैनल के फ्लैगशिप शो में गिना जाता था, जिसके 65 एपिसोड्स प्रसारित हुये थे और उनके द्वारा फेसबुक के माध्यम से भानुमति नाम की यूपी के एक गांव की महिला को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिये नॉमिनेट किया गया था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में सम्मानित किया था।
इसके अलावा चित्रा को उनकी स्टोरी ‘हिन्दुस्तान का मिशन जय हिन्द’ के लिए भारतीय सेना की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है। ‘इंडिया न्यूज’ से पहले ‘सहारा समय’ (Sahara Samay) में न्यूज एंकर/प्रड्यूसर के पद पर कार्यरत थीं। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से रहने वाली चित्रा त्रिपाठी को मीडिया में काम करने का करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। उन्होंने अपना करियर गोरखपुर दूरदर्शन से शुरू किया था। इसके बाद वह विभिन्न चैनल जैसे ‘ETV’ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड और ‘न्यूज 24’ में भी काम कर चुकी हैं। चित्रा ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से ‘डिफेंस स्टडीज’ में स्नातकोत्तर किया है और इसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्त चित्रा को वर्ष 2001 में रिपब्लिक डे गॉर्ड ऑफ ऑनर में कमांड करने के लिये गोल्ड मेडल मिल चुका है और उन्हें इसी उपलब्धि के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके आवास जाकर मिलने का मौका मिला था।
पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।
अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, ” प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।” पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि “मैं एक डिजिटल पत्रकार हूं।”