Sahara Refund Issue : लोकसभा में सहारा के रिफंड का मामला उठा। सहारा की बकाया रकम को लेकर विपक्ष के सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बड़ी जानकारी दी है। निवेशकों के पैसे की वापसी के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि सहारा से जुड़ा पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है सहारा से जुड़ा पूरा मामला – वित्त मंत्री : –
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सहारा के निवेशकों पैसे लौटाने को लेकर विपक्ष के सवाल पर कहा कि सहारा से जुड़ा पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। उन्होंने बताया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा हाउसिंग और सहारा इंडिया कॉरपोरेशन में निवेशकों की अनुमानित संख्या 3.7 करोड़ है। उन्होंने बताया कि सहारा की ये तीन कम्पनियां SEBI के अंतर्गत आती हैं। इन तीन कम्पनियों ने 17,526 निवेशकों को ₹138 करोड़ लौटाए हैं। यह पैसा सहारा द्वारा जमा करवाए गए पैसे से ही दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस संबंध में तीन बार सार्वजनिक अपील की गई कि लोग आएं और दावा करें। जो कागज दिखाएगा, उसे पैसा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बताया कि निवेशकों को कई बार पैसा लेने के लिए कहा जा चुका है लेकिन सहारा से सम्बन्धित मामले में पैसा लेने के लिए निवेशक आगे नहीं आ रहे। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएन अग्रवाल कमेटी हर चीज को देख रही है।
Sahara Refund Issue -138 करोड़ रुपए लौटाए गए – वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि 138.07 करोड़ रुपए का दावा किया गया था, जो जारी कर दिया गया है। 25781 करोड़ रुपए अभी पूरी तरह वितरित नहीं किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया की 18 संपत्तियां कुर्क की गई हैं। सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद दावों के भुगतान के लिए धनराशि की मांग की गई थी। इसमें 1.21 करोड़ दावे प्राप्त हुए। दावों के लिए 374 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जस्टिस सुभाष रेड्डी कमेटी इस मामले की निगरानी कर रही है। पर्ल एग्रो कोऑपरेटिव में 1.25 करोड़ दावे प्राप्त हुए। इन दावों में 1021 करोड़ रुपए का रिफंड दिया गया है। जस्टिस लोढ़ा इसकी निगरानी कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जो भी हैं, वे ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर दावा करें। तीन जजों की कमेटी इस पर गौर करेगी और दावों को जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर्ड जज इसकी निगरानी कर रहे हैं।
सीकर के सांसद अमरा राम ने उठाए थे सवाल:
राजस्थान के सीकर से सांसद अमरा राम ने सदन में पूछा था कि सहारा और पीएचसीएल में अब तक कितना निवेश हुआ और कितना पैसा वापस किया गया। उन्होंने पूछा था कि 15 हजार करोड़ से अधिक जमा होने के बाद भी सिर्फ 138 करोड़ ही क्यों वापस किए गए। इस पर पंकज चौधरी ने सेबी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि करीब 17 हजार लोगों ने ही आवेदन किया था। इसमें से 138 करोड़ दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे कोर्ट में जाकर खुद दावा करें।
वहीं, मध्य प्रदेश के सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सहारा और पीसीएल में निवेश करने वालों की संख्या लाखों में है। सभी लोगों को अभी तक पैसा नहीं मिला है। कुछ लोगों के पास दस्तावेज भी नहीं हैं। कागजात होने पर ही पोर्टल पर मान्य होगा। जिन लोगों ने एजेंटों के माध्यम से निवेश किया है, क्या सरकार उनके लिए कोई तंत्र विकसित करेगी।
पर्ल एग्रो से 1017 करोड़ रुपये वसूले गए :-
इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसका फैसला जजों की कमेटी करेगी, हम यह सुझाव उनसे साझा कर सकते हैं। पर्ल कंपनी की 50 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त कर निवेशकों का पैसा लौटाने के बारे में भी सवाल था। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि पर्ल एग्रो से 1017 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। मुकदमेबाजी के कारण कई संपत्तियों की नीलामी नहीं हो पाती। उन्होंने एंबी वैली का उदाहरण देते हुए कहा कि सिर्फ कागज होने के आधार पर हम नीलामी नहीं कर सकते। संपत्ति की नीलामी तो करनी ही पड़ेगी, हम जरूर करेंगे। जो लोग हमारे हाथ में जो पैसा है, उसे लेना चाहते हैं, वे पहले आएं। हम आपकी चिंताओं को भी साझा करना चाहते हैं।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ऐलान किया था कि सरकार गरीबों से फर्जीवाड़े द्वारा लिया गया पैसा वापस करेगी। यह पैसा घोटालेबाजों की जब्त सम्पति से लौटाया जाएगा। अब इस दिशा में काम चालू हो गया है। वही केंद्र सरकार ने इस संबंध में जानकारी देश के सामने भी रखी है।
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