गुरूवार को हजरत मोहब्बत शाह रहमतुल्लाह अलैय व हजरत अलैहदाद शाह रहमतुल्लाह अलैय का दो दिवसीय सालाना उर्स-ए-पाक का खानकाह-ए-मोहब्बतिया,बिहपुर में समापन हो गया।खानकाह के गद्दीनशीं हजरत अली कौनैन खां फरीदी एवं नायव गद्दीनशीं हजरत मौलाना अली शब्बर खां फरीदी की अगुवाई में गुरूवार की सुबह बजे से नौ बजे तक खानकाह प्रांगण में पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा सल्लाहो वसल्लम के पवित्र मुये मुबारक की जियारत मुरीदीन व जायरीनों को कराई गई।वहीं शानदार जलसा में देश के विभिन्न राज्यों से उलेमा-ए-कराम व शायर-ए-इस्लाम तशरीफ लाए थे।
सीमांचल के अली रजा रहबर के संचालन में इस जलसे का आगज हाफिज व कारी अनवर ने तिलावत-ए- कुरानशरीफ पढ़कर किया।वहीं सीमांचल से यहां पहुचे मौलाना मुशब्बिर रजा समेत मौलाना अबू सालेह फरीदी,झंडापुर शेखटोला के हाफीज राकीम रजा,नयाटोला गौरीपुर के मौलाना साजिद,बभनगामा पठानटोला के हाफीज ईरफान आदि ने कहा कि खानकाहो के वलियो व बुर्जुगों से सच्ची मोहब्बत और निसबत रखनी चाहिए।क्योंकि उनकी दुआ को खुदा कबूल करते है।नातखानी में सीमांचल के शायर-ए-इस्लाम नादिर जमाली व पूर्णिया के ताज परवाना समेत जामिया शाह मोब्बतिश मदरसा के बच्चो्ं/तलबा ने हजरत हुजुर मोहब्बत शाह एवं हजरत हुजूर अलैहदाद शाह के शान में नातिया कलाम सुनाकर लोगो को झुमने पर विवश कर दिया ।इसके बाद मजारशरीफ पर चादरपोशी,गुलपोशी, फुलपोशी व नियाज फातिहा सज्जादानशी के अगुवाई में हुआ।मौके पर कर्रार खां,रहबर खां,रहनुमा,बुशम्स व राेहमा खां समेत गुलाम पंजतन फरीदी,फारूक नक्शबंदी,ताजउददीन खां,जफर खां,हस्सान खां,फैज खां,मेहरबान,अब्दुल हमीद व राकीम आदि मौजूद कथे ।वहीं इससे पूर्व बुधवार की रात में सिद्दीक व अकरम कव्वाल द्वारा खानकाही कव्बाली प्रस्तुत किया गया।