Army New Proposal For Pension : सेना में पेंशन के क्या बदलेंगे नियम ?

Army New Proposal For Pension – भारतीय सेना ने सैनिकों की पेंशन प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव की सिफारिश की है। यह प्रस्ताव ऐसे मामलों में सैनिकों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, जिसमें सैनिकों के माता-पिता और पत्नी दोनों को पेंशन का लाभ मिल सके। इस सिफारिश का उद्देश्य सैनिकों के परिवारों के बीच आर्थिक संतुलन बनाए रखना है, जिससे किसी भी परिजन को असहाय न रहना पड़े।

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1. पेंशन नियमों में बदलाव की आवश्यकता क्यों पड़ी

सियाचिन में शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के मामले ने इस मुद्दे को उजागर किया। कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने पेंशन के नियमों पर सवाल उठाते हुए बताया कि उनकी बहू ने घर छोड़ दिया और पूरी पेंशन अपने साथ ले गई। इस घटना ने पेंशन वितरण प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को बल दिया। इसके बाद, सेना ने यह सिफारिश रक्षा मंत्रालय को भेजी, ताकि पेंशन के नियमों में बदलाव लाकर सभी परिजनों को आर्थिक सहायता मिल सके।

Army New Proposal For Pension
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2. Army New Proposal For Pension – मौजूदा पेंशन नियम और उनकी सीमाएँ
वर्तमान में, सैनिकों की मृत्यु के बाद पेंशन तीन श्रेणियों में विभाजित होती है:

  • ऑर्डिनरी फैमिली पेंशन: सामान्य परिस्थितियों में सैनिक की मृत्यु पर दी जाती है, जो अंतिम वेतन का 30% होती है।
  • स्पेशल फैमिली पेंशन: ड्यूटी के दौरान या ड्यूटी के कारण होने वाली मृत्यु पर, अंतिम वेतन का 60% पेंशन मिलती है।
  • लिब्रलाइज्ड फैमिली पेंशन: युद्ध के दौरान सैनिक की शहादत पर 100% पेंशन दी जाती है।

फिलहाल, पेंशन का बड़ा हिस्सा पत्नी को मिलता है, और माता-पिता को कुछ मामलों में सीमित सहायता मिलती है। जवानों और अधिकारियों के लिए पेंशन वितरण के नियमों में भी भिन्नता है, जो असमानता का कारण बनती है।

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3. Army New Proposal For Pension –  सेना द्वारा प्रस्तावित बदलाव
सेना ने पेंशन वितरण के नियमों में एकरूपता लाने की सिफारिश की है, ताकि सैनिकों की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी और माता-पिता दोनों को पेंशन का उचित हिस्सा मिल सके। खासकर, स्पेशल और लिब्रलाइज्ड फैमिली पेंशन के मामले में यह बदलाव और अधिक जरूरी हो जाता है। यह कदम सैनिकों के परिवारों के बीच संतुलन बनाए रखने और सभी परिजनों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।

4. जवान और अधिकारियों के लिए समान नियमों की सिफारिश

सेना ने यह भी सिफारिश की है कि जवानों और अधिकारियों के बीच पेंशन वितरण के नियमों में समानता लाई जाए। वर्तमान में, जवानों की पेंशन का कुछ हिस्सा माता-पिता को भी मिलता है, लेकिन अधिकारियों के मामले में ऐसा नहीं होता। इस असमानता को दूर करने के लिए एक नया पेंशन वितरण प्रणाली प्रस्तावित की गई है।

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