बेटियाँ

लोकनाथ ताण्डेय

सुन्दर और प्यारी,
सबकी राजदुलारी,
होती है बेटियाँ।

फूलों-सी कोमल,
लताओं-सी नाज़ुक,
होती है बेटियाँ।

हर काम में निपुण,
हर क्षेत्र में आगे,
होती है बेटियाँ।

माँ-बाप की जान,
हर घर की शान,
होती है बेटियाँ।।

  • लोकनाथ ताण्डेय”मधुर”

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